मुझे गर्व है के मैं भारत में जन्मा हूँ , वो भारत जिसने बिना किसी भेद भाव के , न किसी जात पात के , मुझे स्वीकार किया है , आज़ाद भारत की आज़ाद हवाओं में खुली साँस लेकर मेरी छाती और भी चौड़ी हो जाती है , मेरा बचपन इसकी सोंधी मिट्टी के बीच गुज़रा जिसकी खुशबु से आज भी देश महकता है , वो भारत जिसकी छाती पर किसान अपने माथे का पसीना बहा कर फसल उगते है , वो भारत जिसकी मिट्टी को जवान अपने माथे से लगते है , वो भारत जिसने कभी हिंदू मुस्लिम सिख इसाई का भेद नहीं किया , वो भारत जिसकी शान में कहते कहते न जाने कितने बरस बीत जाए ... उस भारत की ज़मी , मेरी कर्म भूमि , सच में मेरी जान है , मेरी हर साँस , मेरे देश , तुझपर कुर्बान है !
मुझे अफ़सोस है , मेरे देश को ये किसकी नज़र लग गई है , देश के रखवाले ही देश का सौदा करने में लगे है , मेरे अपने ही मेरे खून के प्यासे हो गए है , पहले तो ऐसे नहीं थे , किसने उनके दिल में ये ज़हर घोल दिया है , कभी मन्दिर की घंटियाँ , अज़ान सुना करते थे , अब ये चीख पुकार , दर्द कहार , ये आंसू जिंदगी में कैसे आ गए , कोई तो है जो अब भी हमे जुदा करना चाहता है कुछ अपने भी है और कुछ पराये भी , आख़िर कौन है वो ???
जिसकी साजिश का हम शिकार हो रहे है , वो भी अपने ही है लेकिन अपने स्वार्थ के तले इस कदर दब गए है के ख़ुद के अस्तित्व को बचाने के लिए हमे अलग करना चाहते है ,
मुझे कुछ नहीं चाहिए ...... बस मुझे मेरा भारत लौटा दो ...जिस पे मुझे गर्व है ....
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12 टिप्पणियाँ:
उस भारत को हम आप सब मिलकर ही लौटा सकते हैं। लेकिन उस के लिए आगे आना होगा। लड़ना होगा अपनों से ही। ये देश हमारा है, हमारा।
हम भी आपकी प्रार्थना में शामिल हैं.
एक सच्चे दिल की सच्ची प्रार्थन में मैं भी शामिल हूँ.
सच में चिंता सभी को है पर कही उम्मीद भी है......
अनबर भाई वो मोका परस्त हमारे नेता ही हे जो जो अपनी कुर्सी के लिये भोली भाली जनता को लडती हे, हमे अपने मे विशवास पेदा करना हे , मिल कर आगे बढना हे, ओर इन नेताओ को हराना हे,
ओर अगर हम सब जात पात ओर धर्म को भुल कर मिल कर चले तो जरुर कामजाब हो गे, अमीन
anwar miya tum hare dard me hum bhi shaamil hain
you r not unknown dear. you know yourselg well... but you want to know god, rab, allah, bhagwan... you r beyond of the selfishness.. you r true. keep it on.. you r true....
अल्लाह आपकी ख्वाहिश जल्द से जल्द पूरी करे। आमीन, सुम्मा आमीन।
'प्रेम करो स्क़बसे, नफरत न करो किसी से'
हम से हर एक को इसे अपने सोच, वचन और कर्म का हिस्सा बनाना है तभी पुराना भारत वापस लौटेगा.
Hi Anwar
We belong to one side of the river, then to the gali, then muhalla, then gaon, then town, then zilla then taluka, then the state and then if we get time we become Indian.
I am not counting the caste and sub-castes within communities.
The day we come over then then Bharat will sing "Yeh Bharatiya muze jaan se pyaare hain"
sarkar ,
ye ask kya hai ? agar aansu likhna chahte ho to ashq likhna goga,
aur agar akrti se tatparya hai to aksh aayega. kuchh aur ho to hamko bhi batayen .
hoga
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