दिल्ली में लावारिस कुत्तों को खाना खिलने पर जुर्माना किए जाने की ख़बर ने मुझे कुत्तों पर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है , अब बेचारे वफादार इमानदार बेजुबान लावारिस कुत्तों का क्या होगा ? खाना नहीं मिलने पर वो कहीं भूक हड़ताल पर तो नहीं बैठ जायेंगे ? इस तरह से लावारिस कुत्तों पर खाना बैन करना कितना उचित है ? कहाँ है मेनका गाँधी ?
चलिए ये तो बात हुई देश की राजधानी के कुत्तों की बात , अब बात करते है राज्य के कुत्तों की , छत्तीसगढ़ को तो आप जानते ही होंगे ? अरे वोही जहाँ नक्सली पाए जाते है ? पहचाना ? हम्म ...अब ठीक है .... अब आगे बढ़ते है ............. छत्तीसगढ़ के सबसे प्रभावित नक्सली छेत्र बस्तर में केन्द्र सरकार ने नक्सलियों से निपटने के लिए बहुत सी बटालियन भेजी थी , जिसमे सी आर पी ऍफ़ , नागा , मिजो ,आदि शामिल है , जिसमें से कुछ अभी भी मौजूद भी है .... अब मुद्दे पर आ जाया जाए ..... अपन है झोला छाप पत्रकार , खबरों की छानबीन करते रहना है अपना काम , एक दिन झोला उठाके चल दिए बस्तर , वहां हमे नागा बटालियन के केम्प में जन था , तो चल दिए ...... जैसे ही कैंप के मुख्य द्वार पर पहुंचे ... एक नागा के सज्जन टू स्टार ने हमारा स्वागत किया , हम गाड़ी से उतर के उससे बात कर ही रहे थे की अचानक हमारी नज़र जंगल की तरफ गई , दूर जंगल की तरफ़ से नागा के पाँच- छे जवान छोटी कद काठी , गठीला बदन , हाथों में फरसा नुमा हथियार व चार जवान एक एक टांग पकड़े लिए आ रहे है किसी की ? पहले तो कुछ समझ में नहीं आया ? क्या है ? धीरे धीरे जवान नजदीक आने लगे तस्वीर कुछ साफ़ होने लगी ...अरे ...हिरन .....नहीं यार ... क्या है ये ....????.....तभी साथ में खड़ा टू स्टार उन जवानों से अपनी भाषा में कुछ कहता है ...मुझे समझ में नही आया ? लेकिन लगा के उन्हें वहीँ रुकने को कह रहा है ? लेकिन तब तक वो जवान नजदीक आ गए थे ...अरे ये क्या ?????.... कुत्ता ......
ये तो आखों देखा हाल है , बस्तर के लोगों ने मुझे एसा वाक्या सुनाया के हँस हँस के पेट दुखने लगा ... आप भी सुनेगे ....अच्छा लो ... एक बार हुआ क्या के ..नागा के कुछ आठ - दस जवान एक कुत्ते के पीछे लग गए ...कुत्ता सयाना था वो जनता था ये नागा भाई लोग है छोडेंगे नहीं , वेसे भी बस्तर के कुत्ते नागा बटालियन को देख के भागने लगते है , अब वो भी भगा खूब भगा ... नागा भी भागे खूब भागे ... भागते भागते नागा भाइयों ने कुत्ते को घेर लिया ... कुत्ता परेशान अब क्या करे ??? जान खतरे में है ... पास में ही एकसे से , से जान बचने के लिए कुवें में कूद कर आत्महत्या कर ली ...लेकिन नागा बटालियन के हाथों नहीं आया .....
अब बस्तर में ये हालात हैं की जहाँ जहाँ नागा बटालियन थी वहां वहां कुत्ते नहीं पाए जाते है , लेकिन जिस समस्या से निपटने के लिए ये बटालियन आई थी वो तो वेसे की वेसी ही है , कुत्ते आज भी नागा बटालियन को देख कर डरते है लेकिन नक्सली नहीं !!!
खैर ... नक्सलियों se ये बटालियन निजाद तो नहीं दिला सकी लेकिन ... किसी चीज़ से ज़रूर दिला सकती है ,
12 टिप्पणियाँ:
सरकार भी गजब गजब फैसले लेती रहती है।
badhiya hai anwar miya lage raho.badhai
badhiya hai anwar miya lage raho.badhai
मेने कही पढा था की कई जगह पर कुत्तो का मीट खाया जाता हे. तो शायद इसी लिये यह कुत्ते इन से डरते हो.
एक अच्छी पोस्ट के लिये धन्यवाद
vo kissa khoob kaha aapne..
सरकारी फैसलों का तो क्या कहें..
बढ़िया आलेख..आभार.
वंदे मातरम्
जान खतरे में है ... पास में ही एकसे से , से जान बचने के लिए कुवें में कूद कर आत्महत्या कर ली ...
हकीकत भी और व्यंग शानदार है ! जान बचाने के लिए आत्महत्या ..? :) कमाल का लिखा भाई ! बधाई !
आपका ब्लॉग काफी पसंद आया।
आपका ब्लॉग काफी पसंद आया।
अनवर भाई,
हमारी सरकार को ईमानदारी से परहेज हैं। अब किसान कर्ज माफी को ही देख लीजिए। ईमानदारी से बकाया चुकानेवाले किसान मुंह ताकते रह गये, डिफाल्टर किसानों का कर्ज माफ किया गया। यही नहीं, अब उन्हें नो ड्यूज प्रमाणपत्र देकर नया कर्ज भी दिया जा रहा है।
भारत में ईमानदार बेमौत मारे जाएंगे, चाहे वे आदमी हों या कुत्ते।
apko bhi bahut bahut shubhkaamnaayen
जोहार संगी ..........
हमर छत्तीसगढ हमर कोटवार, हांका परईया
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