पापा कहते है बड़ा नाम करेगा , बेटा हमारा ऐसा काम करेगा , ...मगर ये तो कोई न जाने के मरी मंजिल है कहाँ ....
इस गीत को जिस किसी ने भी लिखा है सच में बहुत खूब लिखा है , हर पिता का सपना होता है के उसका बेटा पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बने , खूब नाम कमायें , कोई डाक्टर कोई इंजिनियर या कोई बिज़नेसमेन बने , मेरा भी एक सपना है .... मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहता हूँ ...
अब आप सोच रहे होंगे की मैं माधुरी दीक्षित ही क्यों बनना चाहता हूँ ???...माधुरी दीक्षित को देश का बच्चा बच्चा जानता है , हर किसी के दिलों की धड़कन है माधुरी दीक्षित , फ़िल्म जगत में उन्होंने खूब नाम कमाया है , यहाँ तक के उनके नाम की फ़िल्म तक बन गई है ....मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूँ ... विदेशों तक उनके नाम का चर्चा है उनके नाम से न जाने कितने उत्पाद बिकते है और मुनाफा काटते है , जिनके नाम पर कसीदे पढ़े जाते है वो माधुरी अगर मैं बनना चाहता हूँ तो इसमें हर्ज ही क्या है ?
दूर जाने की ज़रूरत नहीं है हमारे देश में ही देख लीजिये ....हमारे देश के महान चित्रकार, जिनका है विवादों से सरोकार, जिनकी उम्र है सत्तर के पार , फिर भी माधुरी के नाम से उनके दिल में बजता है गिटार , मकबूल फ़िदा हुसैन साहब ...जब माधुरी दीक्षित को अपने दिल से लेकर अपने केनवास में जगह दे सकते है तो इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की माधुरी दीक्षित की क़द्र करने वालों की कमी नहीं है ,
धक...धक ...करके दिल धड़काने वाली माधुरी दीक्षित का जीवन सही मायने में सफल जीवन है , बॉलीवुड में अपने नाम का परचम लहराने वाली ये अदाकारा अपने निजी जीवन में भी एक सफल नारी है , इसमें कोई दो राये नहीं है , उनके समझदारी भरे इस फैसले से भले ही देश के नव जवानों के दिलों को ठेस पहुंची है लेकिन माधुरी का जीवन एक सफल जीवन है ,
अब आप ये सोच रहे होंगे के मैं ...गाँधी ॥नहरू या भगत सिंग क्यूँ नहीं बनना चाहता हूँ ??? क्यूँ भाई साहब मरवाना चाहते हो क्या ? इनके विचारों की कद्र करने वाला कोई रह गया है क्या ? आज अगर इन सब की बात सामाजिक रूप से की जाये तो लोग बहरूपिया समझते है , मज़ाक बनाते है , कहते है देखो ... आ गया ... आदर्शों की बात करने वाला ... गाँधी की छठी औलाद ?हलाँकि ये ओहदा बेहद गर्व पहुँचने वाला है ...लेकिन क्या करे १० की भीड़ में खुद को अकेला महसूस करते है , कौन सुनेगा हमारी बात ...अब किसी को इसमें भी हमारी कोई कमजोरी ढूननी है तो ये ही सही ....
लेकिन ज़रा सोचिये ....अगर सच में ये माधुरी दीक्षित का ब्लाग होता तो क्या होता ? कितने लोग इसे चाहने वाले होते ? कितने लोग हर बात पर वाह वाह करते ? कितनी टिप्पणियां भेजते ? मगर ये क्या ये किसी माधुरी दीक्षित का ब्लाग थोडेही न है , ये तो अनवर कुरैशी का ब्लाग है .... इसलिए .........मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहता हूँ ...
12 टिप्पणियाँ:
main dr. nene banna chahta hu..
आपकी चाहत वाजिब है। मैं तो बस इतना ही कर सकता हूं कि अल्लाह आपकी तमन्ना पूरी करे। आमीन, सुम्मा आमीन।
भगवान् आपकी इच्छा पूरी करें.
मेरी भी एक इच्छा है " मैं डाक्टर नेने बनाना चाहता हूँ"
:) :) :)
हमने सुना है माधुरी दीक्षित दोबारा फिल्मों में आने वाली हैं। जनाब कहीं दूसरी पारी आप ही तो नहीं खेलने जा रहे। बधाई हो।
" ha ha ha ha ha ha great article, vaise madhuree is my favt actor, well wish u all the best and wish that your desire should be fulfilled"
Regards
वाह क्या बात हे,अल्लाह मिंया जल्द ही आप की तमन्ना पुरी करे अमीन,मे एक इंसान बनाना चाहता हु, जो सब के काम आये, जिसे कोई हिन्दु मुस्लिम ओर ईसाई नजर ना आये, सब अपने ही नजर आये
धन्यवाद
क्या बात है अनवर भाई भोक्वाये ब्लागर्स भी जाग जायेंगें और कुत्ता को काट खायेंगें, माधुरी दीक्षीत को देखकर ।
बढिया लिखा है बधाई ।
आप माधुरी दीक्षित बनना चाहते हैं, जरूर बनिए. ईश्वर आपकी यह इच्छा पूरी करें.
आमीन!!
बन जाओ, दुआ कबूल हो जाये तो पुराने मित्रों को भूल न जाना!! :)
जो जो ब्लागर भाई डॉ .नेने बनना चाहता है उन्हें ये मालुम होना चाहिए की डॉ .नेने की पहचान माधुरी दीक्षित के पति के रूप में होती है उनकी यही पहचान है ...
मुबारक हो, एक पुरुष ने महिला बनने की हिम्मत तो दिखाई...
bhai khoob aap jamkar kaam kar rahe hain.aapka blog nisandeh zara hatkar hai.
are bhai raipur mein ziya quraishi aur nawab fazil bhi hua karte the .kabhi kuch khabar hai unki.
moqa mile to idhar aana.
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
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