ये मेरी ज़िन्दगी बिस्तर की सिलबटों की तरह है ,
हर रोज़ ये जीती है हर रोज़ ये मरती है !
कुछ ख़ाब से बनते है , बन के टूट जातें है ,
फ़िर भी ना जाने ये किस आस में जीती है !!
कुछ दर्द है हासिल , कुछ तन्हाई का आलम है ,
हर आहट में ये लेकिन ,किसी का इंतेज़ार करती है !!
शोरगुल नहीं है इसमें , बड़ी चुपचाप सी है ,
खामोशी ही मगर इसकी , परेशान सी करती है !!
जीने जी तमन्ना भी है , और मुस्कुराने की चाहत ,
रूठा हुआ हूँ ख़ुद से मैं , और रूठे हुए हालत है !!
जाने क्या वजह है , जिये जा रहा हूँ मैं,
हर हाल में तेरे साथ "ज़िन्दगी " मुस्कुरा रहा हूँ मैं ...
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18 टिप्पणियाँ:
क्यों अनवर मियां,ज़िया भाइ से बात करना पडेगा लगता है,बहुत सिल्वट का ख्याल रख रहे हो
नाराज़ क्यों हो रहे हो मियां हम तो मज़ाक कर रहे थे ।
क्या बात कह गये गये.बहुत उम्दा!!
Waw Kya baat hai yaar
aap ka bhi koi jawab nahi hai bhai
"jindgee ke kraeeb jindge se dur, jindgee se narraj, jindge se umeed... bhut sunder expression"
Regards
कुछ उदासी है .....इस में !
"खामोशी ही मगर इसकी, परेशान सी करती है"...अनवर भाई कोहराम मचने से पहले कुछ ऐसा ही होता है...शुरुआत तो कर ही चुके हैं आप:):)
badhiya abhivykti..kam sateekshabdo me achchi rachna badhai.
क्या बात हे बहुत दिनो बात आये ओर संग उदास शेर लाये.
धन्यवाद
अनवर भाई आप के ब्लोग पर पढी कुछ लाईने , इतनी खुबसूरत लगी कि पुरानी
यादे ताजा हो गई. आप इतना खुबसूरत लिखते है. कि जवाब नही, काहे आप अपने
ब्लोग को हटाने के लिये सवाल करते है, आपने जो लिख दिया वो अब आपका नही
है और जो आपका नही है उस पर अधिकार मत जताईये बस लिखते जाईये .दिल की
बाते
हम है ना पधने को हजारो आपके चाहने वाले :)
अरुण जी आप का बहुत शुक्रिया ...आप के शब्दों ने मेरा हौसला बढाया है ...मैं अपनी कोशिश जारी रखूँगा ...
बहुत बेहतरीन लेख है भइ
आश करता हू कि आगे भी इसी तरह की अच्छी पोस्टे पढने को मिलती रहेगी
उम्दा ग़ज़लकार बनना चाहते है तो गजल की क्लास चल रही है आप भी शिरकत कीजिये www.subeerin.blogspot.com
वीनस केसरी
Bahut accha likha hai.
Salam anwar saheb,
first of all your blog's name told lot of thing, then your latest post Ye Zindgi, fantastic.
I got a different view to see Zindagi. Nice to read your blog
Ankit Safar
http://ankitsafar.blogspot.com/
kya baat hai Anwar ji!
likha to achha hai hi, saath main aapki saari photos bhi bahut sundar hoti hain.Perfect combo ! Awesome !
बहुत उम्दा लिखा हिया आपने !!!!!!!!!!
kya baat hai....har roj jiti hai har roj marti hai....wakai zindagi aisi hi hai........na jaane ek ek pal mein kitni baar jiti hai aur kitni baar marti hai
bahut kucch kah gaye aap to in 2 line mein hi
दीपावली के पावन पर्व पर आपको हार्दिक बधाई!
..."Har haal me 'zindagee'muskura raha hun mai"...Kavitaki har ek panktee sundar hai..! Aur kya kahun?
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