Thursday, January 15, 2009

मुझे ख़बर नहीं ...




भारत में हुए २६/११ के आतंकी हमले के बाद मिले सबूत में पाकिस्तान का हाथ होने की पुष्ठी से भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है , वहीं चौतरफा दबाव के चलते पाकिस्तान ने भी आतंकी संगठनो पर शीकंज़ा कसना शुरू कर दिया है ॥लेकिन मुझे ख़बर ही नहीं ...



देश और विदेश में छाई आर्थिक मंदी से निपटने के लिए सार्थक कदम उठाये जा रहे है , निजी कम्पनियाँ खर्च कम करने के लिए कास्ट कटिंग में लगी हुई है , हजारों नौकरियां जा रही है शेयर बाज़ार का हाल बेहाल है ...लेकिन मुझे ख़बर ही नहीं ...



देश की राजनीती में अमर सिंह जैसे नेताओं की दखलंदाज़ी बढ़ गई है लेंन देन और गठबंधन की राजनीती शुरू हो गई है बहन जी का जन्मदिन चंदे से मनाया जाता है चंदा ना मिलने मर जान से मार दिया जाता है ...फ़िर उसी लाश पर राजनीती की जाती है घपलों और घोटालों में बड़े बड़े नेता और मंत्री फेस हुए है केस चलता रहता है ...लेकिन मुझे ख़बर नहीं ...



पड़ोस के ही घर से एक महिला की आवाज़ आने लगी ...सुनो राशन की दुकान में { सरकारी } चांवल और शक्कर आ गई है याद से ला लेना ॥पता नहीं इस बार कैसा होगा पिछली बार तो बहुत कंकर थे ...और हाँ ...आते आते बच्चों की स्कूल की फीस भी दे आना ...मैं शाम को दूध वाली को पैसा दे आउंगी ..हे भगवान् ..पता नहीं ये काम वाली को क्या हुआ है दो दिनों से आ भी नहीं रही है ...इतना कुछ हो रहा है ...लेकिन...मुझे ख़बर नहीं ....



देश में कितने एसे बच्चे है जो बाल श्रमिक है जो स्कूल नहीं जाते , जिनका कोई सहारा नहीं है ...कितने एसे लोग है जिन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती है ...रात में भूखे सोते है ॥सोने के लिए भी जगह नहीं मिलती ...रोज़ जो ज़िन्दगी से लड़ते है ...कितने एसे है जो ट्रेन या बस के पीछे दौड़ते रहते है भागते रहते है ...किसी की नौकरी तो किसी को उसकी तलाश ...हर कोई परेशान सा है ...अपनी ही मजबूरियों से बंधा है ...लेकिन मुझे ख़बर नहीं ...


कितना बेबस है आज का इंसान ...सब कुछ देखता रहता है ॥सब जानता भी है ...लेकिन कुछ नहीं कहता ...ज़िन्दगी की इस उलझनों में फसा इंसान ...फसा ही रह जाता है ...कोई कोशिश करता है तो कोई करता भी नहीं ...बड़ा लाचार सा है ..ये वो इंसान है जिसे लोग आम इंसान कहते है ..वेसे तो ये आम इंसान भी बड़ा खास होता है लेकिन कभी कभी ...ये सब कुछ जानता है लेकिन कहता है ..मुझे ख़बर नहीं !!!

3 टिप्पणियाँ:

Vinay on January 15, 2009 at 3:41 PM said...

सराहनीय लेख


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आप भारतीय हैं तो अपने ब्लॉग पर तिरंगा लगाना अवश्य पसंद करेगे, जाने कैसे?
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue

Udan Tashtari on January 15, 2009 at 8:25 PM said...

सच कहा-आम इंसान बड़ा खास होता है.

अच्छा आलेख.

विक्रांत बेशर्मा on January 24, 2009 at 4:21 AM said...

अनवर भाई,
बहुत सही कहा आपने इंसान के चारो ओर बहुत कुछ घटता है..पर वो देख कर भी अनदेखा कर देता है ...आम इन्सान सचमुच ख़ास है!

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