ज़िन्दगी शब्द ही अपने आप में बहुत प्रभावित करेने वाला शब्द है इसे जानने की कोशिश तो सभी ने की है लेकिन इसे समझना बड़ा ही कठिन है ?...इस सरल से शब्द के पीछे इंसान की सारी ज़िन्दगी के राज़ छुपे हुए होते है ...इंसान ज़िन्दगी से सब कुछ चाहता है ...हर छोटी बड़ी खुशी ...हज़ारों हसरतें लिए सब कुछ हासिल कर लेना चाहता है ...किसी को सारी कायनात तो किसी को छोटा सा आशियाना ...हर कोई अपनी ज़िन्दगी में खुशियों को तलाशता ...इंसान ...ये भूल जाता है जो उसके साथ है वो ही उसकी खुशियाँ है ...वो ढूँढ़ते रहता है...सारी ज़िन्दगी ...थोड़ा सा सुकूँ...किसी को मिलता है ...किसी को मिलता भी नहीं ......
हर सूरत के पीछे कितने ख़ाब है ...और उन्हें हकीक़त में लाने के लिए कितनी जद्दोजहद...हर लम्हा इसी बेकरारी के साथ गुज़र जाता है...कहीं पेशानियों में शिकन है ...तो कहीं चमकती आखों में सुनहरे ख़ाब ...लेकिन ख्वाइशें हर वक्त जिंदा रहती है ...इसी उम्मीद के साथ के कभी तो वो पुरीं होंगी ...ज़िन्दगी ने हमेशा सभी को कुछ तो दिया है ...किसी ने कुछ हासिल किया तो किसी ने खो दिया ....
उम्मीदों का सफर हमेशा ज़िन्दगी के साथ चलता रहता है ...वो कभी थमता नहीं ...थकता भी नहीं ....हाँ ...कभी कभी थोड़ा उदास कभी थोड़ा परेशान सा ज़रूर होता है लेकिन कभी हारता नहीं है ...कई मुश्किलें कई परेशानियों से गुज़रता है लेकिन ये सफर बदस्तूर चलता रहता है ...
ज़िन्दगी बड़ी दिलचस्प है ...किसी के लिए सब कुछ ...तो कहीं सिफ़र है ...कहीं खुशियाँ तो कहीं आसूं है ...कहीं दर्द है तो कहीं राहत भी है ...कई आरज़ू अपने पर फैलाये आसमां की बुलंदियों को छु लेना चाहती है तो कहीं छोटे से ख़ाब है कहीं छोटा सा आसमां ...ज़िन्दगी हर हाल में खुबसुरत है ....
4 टिप्पणियाँ:
अच्छी रचना ...बहुत खूब ....
अनिल कान्त
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
जिंदगी ख़ूबसूरत तो होती ही है बस जीवन कैसे जिया जाता है यह जानने की जरुरत है . भाई काफी दिनों आज आपकी पोस्ट पढ़ी . गणतंत्र दिवस की शुभकामना
खूबसूरत फलसफा।
गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ।
अच्छा लिखा है। जिन्दगी रंग बिरंगी मिलीजुली है।
घुघूती बासूती
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