Friday, August 8, 2008

खबरी चैनलों की माँ की ..बिप ...



देश में खबरी चैनलों की तादात इस तेज़ी से बढ रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है के अपने आप को सबसे तेज़ कहने वाला चैनल भी पीछे छुट गया है ? लगातार चैनल आ रहे है और बहस का मुद्दा भी बन गए है , संपादक स्तर के लोग टीवी न्यूज़ चैनलों को अपने संपादकीय में स्थान दे रहे है और जी भर के माँ बहन एक कर रहे है , ये बुद्धिजीवी न्यूज़ चैनल को या तो बिन बिहाई माँ समझते है या वो वैश्या जो सरे बाज़ार अपने जिस्म को बेचती है ? बिना अपने अन्दर झांके दूसरो पर कीचड़ उछालने का काम बखूबी करते है , शायद सोचते होंगे उसकी शर्ट मेरी शर्ट से सफ़ेद कैसे ???
और तो और एक बड़ा सा ब्लॉग भी बना दिया गया है मीडिया की .. बिप.. मारने के लिए , जिसका जी करे उतारो और ..बिप .. मार लो ? ..बिप.. मारने का मौका कोई भी नहीं छोड़ना चाहता है इसके लिए सब को जल्दी पड़े रहती है , सबसे बड़ा सवाल ये है की हम अच्छी चीजों को आसानी से नहीं अपनाते है लेकिन बुराई को अपनाने में हमे ज़ियादा वक्त नहीं लगता है .... मुंबई का डॉन कौन ..भिकू भाई ..बोलने में टाइम नहीं लगता है ..लेकिन किसी फिल्म में बुराई पर अच्छाई की जीत किस तरह हुई ये भूल जाते है ?
चलिए में सीधे अपनी औकात में आ जाता हूँ बात न्यूज़ चैनलों की हो रही थी ... जो दिखता है वो बिकता है ..और देखने वाला ..बिप .. है जो उसे देखता है , अब अगर आप देख रहे हो उस चैनल की टी आर पी बढा रहे हो तो वो न्यूज़ चैनल क्या करे ? ..बिप.. कौन है चैनल या हम ? हमे की बलात्कार से पीडित महिला की न्यूज़ का रीक्रिएशन देखना अच्छा लगता है , हमे नाग नागिन की रास लीला देखना अच्छा लगता है , शेर और शेरनी का इश्क हमे अच्छा लगता है ,
..बिप.. भुत ..और भभूत .. के हम तो दीवाने है जब भी दिखाओ हम देखेंगे ?
देखेंगे भी और गली भी बकेंगे , आप देखना बन कर दो वो दिखाना बंद कर देंगे ? में कोई खबरी चैनलों की पैरवी नहीं कर रहा हूँ में ये बताना चाहता हूँ की हम ये देखते है इसलिए ये देखने को मिलता है क्यूंकि ये हम देखना चाहते है , उनकी टी आर पी बढा रहे है और वो नंगा नाच कर रहे है ,
मुझे ख़बरों का सब से बड़ा बलात्कारी चैनल इंडिया टीवी लगता है और रजत शर्मा सबसे बड़ा ..बिप.. बिप.. बिप ..बिप ..बिप .. है लेकिन क्या करे चैनल टी आर पी में नम्बर वन है , देश में अच्छे पत्रकार और पत्रकारिता अभी भी ज़िन्दा है और हमे इसे ज़िन्दा रखना है इसके लिए हमे उन लोगों को प्रोत्साहित करना होगा जो ज़मीन से जुडी पत्रकारिता करते है ,
जैसे एन डी टी वी इंडिया .... खबर वो ही जो सच दिखाए ...

3 टिप्पणियाँ:

बाल भवन जबलपुर on August 8, 2008 at 2:05 PM said...

thoda saa andaaz achchhaa or saleeke daar rahe aapakee bhavanaa kee sabhee kadra karenge
shubhakaamanaaen

बालकिशन on August 8, 2008 at 7:57 PM said...

क्या कहें?
इस हमाम में तो सभी नंगे हैं.

Anil Pusadkar on August 8, 2008 at 9:52 PM said...

bahut badhiya anwaar.badhai tumko apni is kabiliyat ko humse kyon chhupa kar rakha,lekin hum bhi kam nahi khoj liya na tumko.badhiya chilgoze badhia,umeed hai tumhe accha laga hoga,bura nahi

 

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